सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 – Right to Information Act 2005 .
Right to Information Act 2005 – अधिनियम का परिचय – संसद ने सूचना का अधिकार अधिनियम पारित किया है, जिसे 15 जून, 2005 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली और 21 जून 2005 को सरकारी गजट में अधिसूचित किया गया। अधिनियम के अनुसार, यह, जम्मू व कश्मीर राज्य को छोड़कर, संपूर्ण भारत पर लागू है।
सार्वजनिक प्राधिकारी-“सार्वजनिक प्राधिकारी” से आशय है (क) संविधान द्वारा अथवा उसके अंतर्गत (ख) संसद द्वारा निर्मित किसी अन्य कानून के द्वारा (ग) राज्य विधायिका द्वारा बनाए गए किसी अन्य कानून के द्वारा (घ) समुचित सरकार आदि द्वारा जारी अथवा दिए गए किसी आदेश के द्वारा स्थापित कोई प्राधिकरण अथवा निकाय अथवा स्व-शासी संस्था।
सूचना का अधिकार –सूचना का अधिकार में ऐसी सूचना तक पहुँच का होना समाहित है, जो किसी सार्वजनिक प्राधिकारी द्वारा धारित अथवा उसके नियंत्रण में है। इसमें कार्य, दस्तावेज, अभिलेखों को देखने, दस्तावेजों/ अभिलेखों से टीप, उद्धरण लेने और सामग्री के प्रमाणित नमूने तथा इलेक्ट्रॉनिक रूप में संग्रहीत सूचना प्राप्त करने का अधिकार शामिल है।
प्रकटन से छूट-प्राप्त सूचना –अधिनियम की धारा 8 व 9 में कतिपय श्रेणियों की सूचनाओं को नागरिकों पर प्रकट करने से छूट का प्रावधान है। सूचना पाने के इच्छुक व्यक्तियों को सलाह दी जाती है कि वे सूचना हेतु अनुरोध प्रस्तुत करने के पहले अधिनियम की तत्संबंधी धाराओं को देख लें।
सूचना के लिए कौन अनुरोध कर सकता है –कोई भी नागरिक निर्धारित शुल्क देकर अंग्रेजी/हिन्दी/जहाँ आवेदन किया जा रहा हो वहाँ की राजभाषा भाषा में लिखित में अथवा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सूचना के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन लखनऊ स्थित केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी को सीधे अथवा केन्द्रीय सहायक जन सूचना अधिकारी के माध्यम से भेजा जाना चाहिए।
RTI मलतब सूचना का अधिकार – ये कानून हमारे देश मे 2005 मे लागू हुआ। जिस का उपयोग कर के आप सरकार और किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते है आम तौर पर लोगो को इतना ही पता होता है, परंतु इस सम्बन्ध में रोचक जानकारी निम्न हूँ –
आरटीआई से आप सरकार से कोई भी सवाल पूछ कर सूचना ले सकते है
आरटीआई से आप सरकार के किसी भी दस्तावेज़ की जांच कर सकते है
आरटीआई से आप दस्तावेज़ या Document की प्रमाणित Copy ले सकते है
आरटीआई से आप सरकारी काम काज मे इस्तमल सामग्री का नमूना ले सकते है
आरटीआई से आप किसी भी कामकाज का निरीक्षण कर सकते है
आरटीआई कि निम्न धाराऐं महत्वपूर्ण है इन्हे स्मरण में रखना चाहिये – Right to Information Act 2005
धारा 6 (1) – आरटीआई का application लिखने का धारा है
धारा 6 (3) – अगर आप की application गलत विभाग मे चली गयी है तो गलत विभाग इस को 6 (3)
धारा के अंतर्गत सही विभाग मे 5 दिन के अंदर भेज देगा
धारा 7(5) – इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नही देना होता
धारा 7 (6) – इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन मे नही आता है तो सूचना फ्री मे दी जाएगी
धारा 18 – अगर कोई अधिकारी जवाब नही देता तो उस की शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए
धारा 19 (1) – अगर आप की आरटीआई का जवाब 30 दिन मे नही आता है तो इस धारा के अनुसार आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हो
धारा 19 (3) – अगर आप की प्रथम अपील का भी जवाब नही आता है तो आप इस धारा की मदद से 90 दिन के अंदर 2nd अपील अधिकारी को अपील कर सकते हो।
Ya good
ReplyDeleteThanks for great and important information.
ReplyDeleteNicc sir ur writing skill is supup...Ur hv amazing contant skill...
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