Order 11 Rule 14 - production of documents (आदेश 11 नियम 14 दस्तावेजो का पेश किया जाना ) - - CIVIL LAW

Saturday, February 18, 2017

Order 11 Rule 14 - production of documents (आदेश 11 नियम 14 दस्तावेजो का पेश किया जाना ) -

 Order 11 Rule 14 - production of documents(आदेश 11 नियम 14 दस्तावेजो का पेश किया जाना ) -  
    
       न्यायिक प्रक्रिया में वाद के विचारण के दौरान नियम 12 दस्तावेजो का प्रकटीकरण सम्बन्धी पूर्ण विवेचन से स्पष्ट होता हैं की प्रकटीकरण में दोनों ही पक्षकार एक दुसरे के कब्जे या शक्ति में होने वाले दस्तावेजो का अवलोकन कर सकते हैं और आवश्कता होने पर उनकी प्रतिलिपियाँ प्राप्त कर सकते हैं इसी को दस्तावेजो का प्रकटीकरण कहते हैं परन्तु न्यायिक प्रक्रियां में वाद के विचारण के दौरान प्रश्नगत व् विवाद विषय सम्बन्धी दस्तावेज किसी पक्षकार के कब्जे से किसी पक्षकार के प्राथना पर न्यायालय वाद के लंबित रहने के दौरान किसी समय किसी भी पक्षकार को प्रश्नगत किसी दस्तावेज को न्यायालय में पेश करने का आदेश दे सकता हैं | इससे स्पष्ट हैं की नियम 12 न्यायालय के आदेश के द्वारा मात्र प्रकटीकरण दस्तावेज बाबत होता हैं परन्तु नियम 14 में प्रश्नगत दस्तावेज न्यायालय में जिस किसी भी पक्षकार के आधिपत्य से न्यायालय में प्रस्तुत किया जाने वाला आदेश न्यायालय देता हैं | इस प्रकार वाद की कार्यवाहियां में महत्वपूर्ण होने से इसका विस्तृत विवेचन आवश्यक हैं |

   नियम 14 - दस्तावेजो का पेश किया जाना -   
  
न्यायालय के लिए यह विधिपूर्ण होगा की वह किसी भी वाद के लंबित रहने के दौरान किसी भी समय उसमे के किसी भी पक्षकार को यह आदेश दे की वह शपथ पर, अपने कब्जे या शक्ति में और इसे वाद में प्रश्नगत किसी विषय से सम्बंधित दस्तावेजो में से एसी दस्यवेज पेश करे जो न्यायालय ठीक समझे और जब एसी दस्तावेज पेश की जाये तब न्यायालय उनका इस प्रकार उपयोग कर सकेगा जो न्यायसंगत प्रतीत हो |
इस प्रकार दस्तावेजो का पेश किये जाने के लिए निम्नलिखित शर्ते का होना आवश्यक हैं |
     
     1) वाद का लंबित रहना
     2) प्रश्नगत दस्तावेज विरोधी पक्षकार के आधिपत्य में होना
     3) वाद के किसी भी प्रक्रम पर प्राथना पत्र पेश होना
     5) वाद में किसी विषय से सम्बंधित दस्तावेजो में से सभी या               उनमे से कोई सम्बंधित दस्तावेज पेश करने का आदेश जो               न्यायालय उचित समझे       
     6) प्रस्तुत दस्तावेज का न्यायालय उपयोग करेगा जो न्यायसंगत            न्यायालय को प्रतीत होता हो  |

    न्यायालय द्वारा विभिन मामलो में इस सम्बन्ध में जो अभिनिर्धारित किया गया हैं वो निम्न हैं  

   {1} न्यायालय द्वारा किसी दस्तावेज का द्वितीयक साक्ष्य ( secondary evidence ) होने की स्थति में उक्त आदेश के अंतर्गत प्रश्नगत दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत करने से इंकार कर सकता हैं |
                                                        AIR 1995 Raj. 138

   {2} हिन्दू विवाह अधिनियम के अंतर्गत धारा 9 का प्राथना-पत्र में पत्नी का यह आरोप की विवाह संपन्न नहीं हुआ और दोनों पक्षकारो के मध्य कोई विवाहिक सम्बन्ध स्थापित नही हुए - पति की और से यह प्राथना पत्र दिया गया की दोनों पक्षकारो के मध्य हुए पत्र व्यहवार संबंध स्थापित साबित करने के लिए पेश करायी जावे,पति की और से दायर प्राथना-पत्र को स्वीकार इस आधार पर किया गया की उक्त पत्र साक्ष्य में ग्राहय हैं |
                                                         AIR 1999 Mad. 232  

   {3} दस्तावेजो को पेश करने का आदेश देना न्यायालय के विवेकाधीन हैं - दो शर्ते, - (१) दस्तावेज विपक्षी पक्षकार के आधिपत्य और नियंत्रण                   में हो, तथा
          (२) वे वाद ग्रस्त विषयवस्तु से सम्बंधित,
             इन शर्तो की  पूर्ति नही होने के कारन आवेदन ख़ारिज                  किया गया |
                                                         1998(2)DNJ (Raj.) 698

   {4} प्रार्थी ने स्पष्ट नही किया की दस्तावेज केसे मामले के निस्तारण         में सहायक होंगे अथवा वाद में प्रश्नगत किसी मामले से सम्बंधित       हैं - निर्णित  आवेदन ख़ारिज के आदेश में कोई अवेधता या             अनियमितता नही हैं
                                                         2015(2)DNJ (Raj.) 637

   {5} एक बार न्यायालय द्वारा आवेदन ख़ारिज करने के पश्चात उसी बिंदु      के आधार पर प्राथना पत्र स्वीकार नही किया जा सकता हैं |
                                                        2011(2)RLW (Raj.)1205

उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट हैं की न्यायालय वाद की कार्यवाहियों में यह नियम अत्यंत उपयोगी हैं | हम आगे भी महत्वपूर्ण उपबंधो से क़ानूनी नजीरो सहित अवगत कराते रहेंगे | आप निरंतर ब्लॉग से जुड़े रहे |

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