Ex - Parte Temporary Injunction Order 39 Rule 3 C.P.C. (एकपक्षीय अस्थाई व्यादेश - आदेश 39 नियम 3 सी.पी.सी. - CIVIL LAW

Tuesday, February 28, 2017

Ex - Parte Temporary Injunction Order 39 Rule 3 C.P.C. (एकपक्षीय अस्थाई व्यादेश - आदेश 39 नियम 3 सी.पी.सी.

Ex - Parte Temporary Injunction    Order 39 Rule 3 C.P.C.
एकपक्षीय अस्थाई व्यादेश - आदेश 39 नियम 3 सी.पी.सी.


   विधि का यह सुस्थापित सिद्धांत हैं की कोई भी आदेश न्यायालय द्वारा विरोधी पक्षकार को सुचना देने के पश्चात ही पारित किया जा सकता हैं यह न्यायालय का परम कर्तव्य हैं | अस्थाई व्यादेश का आदेश भी विरोधी पक्षकार को सामान्यतः सूचना देने के पश्चात तथा सुनवाई का अवसर दिए जाने के पश्चात ही दिया जाना न्याय संगत हैं परन्तु नयायालय को यह समाधान करा दिया जाता हैं की विरोधी पक्षकार को सुचना दिए जाने वाले समय में विलम्ब होगा और उक्त विलम्ब से व्यादेश विफल हो जायेगा तो ऐसी परिस्थिति में न्यायालय विरोधी पक्षकार को सुचना दिए बिना अस्थाई व्यादेश का आदेश ऐसे कारणों को अभिलिखित करते हुए अस्थाई व्यादेश प्रदान कर सकता हैं | सामान्य भाषा में इसे एकपक्षीय व्यादेश का आदेश भी कहा जाता हैं | सहिंता में विरोधी पक्षकार को सुचना दिए बिना अस्थाई व्यादेश के प्रावधान आदेश 39 नियम 3 में किये गये हैं तथा यदि आएश 3 के अंतर्गत कोई आदेश पारित किया जाता हैं तो उक्त प्राथना पत्र का निस्तारण नियम 3 (क) के प्रावधानों के अनुसरण में न्यायलय द्वारा किया जाना होता हैं | सहिंता के उक्त नियम निम्न प्रकार हैं -

आदेश 39 नियम 3 - व्यादेश देने से पहले न्यायालय निदेश देगा कि विरोधी पक्षकार को सुचना दे दी जाए-

वहा के सिवाय जहां यह प्रतीत होता है का व्यादेश देने का उद्देश्य विलम्ब द्वारा निष्फल हो जायेगा न्यायालय सब मामलो में व्यादेश देने के पूर्व  यह निदेश देगा कि व्यादेश के आवेदन कि सूचना विरोधी पक्षकार को दे दी जाए:
  परन्तु जहा यह प्रस्थापना की जाती है कि विरोधी पक्षकार को आवेदन की सुचना दिये बिना व्यादेश दे दिया जाए वहा न्यायालय अपनी ऐसी राय के लिए  विलम्ब द्वारा व्यादेश का उद्देश्य विफल हो जायेगा, कारण अभिलिखित करेगा और आवेदक से यह से यह अपेक्षा कर सकेगा कि वह--

( क)  व्यादेश देने वाला आदेश किये जाने के तुरंत पश्चात व्यादेश के लिए आवेदन के साथ निम्न प्रति--

१. आवेदन के समर्थन में फाइल किये शपथ पत्र की प्रति;
२. वाद पत्र की प्रति; और
३. उन दस्तावेजो की प्रति जिन पर आवेदक निर्भर करता है,
विरोधी पक्षकार को दे या उसे रजिस्टर्डकृत डाक द्वारा भेजे, और
(ख) उस तारीख को जिसको ऐसा व्यादेश दिया गया है या उस दिन से ठीक अगले दिन को यह कथन करने वाला शपथ पत्र पेश करे कि उपरोक्त प्रतियां इस प्रकार दे दी गयी है या भेज दी गयी है।


आदेश 39 नियम 3 ( क) व्यादेश के लिए आवेदन का न्यायालय द्वारा तीस दिवस के भीतर निपटाया जाना -

जहाँ कोई व्यादेश विरोधी पक्षकार को सुचना दिए बिना दिया गया है वहां न्यायालय आवेदन को ऐसी तारीख से जिसको व्यादेश दिया गया था, तीस दिवस के भीतर निपटाने का प्रयास करेगा और जहा वह ऐसा करने में असमर्थ है वहा ऐसी असमर्थता के लिए कारण अभिलिखित करेगा।

आदेश 39 के अन्य उपबंधों के अध्यन के लिए यहाँ CLICK  कर पढ़े |

उपरोक्त नियम के अध्यन से स्पष्ट हैं की नियम 3 के अंतर्गत न्यायालय विरोधी पक्षकार को सुचना दिए बिना अस्थाई व्यादेश का आदेश प्रार्थी को प्रदत्त कर सकेगा तथा इस नियम के अधीन पारित आदेश होने पर न्यायालय नियम 3(क) के अनुसरण में ऐसे प्रदत्त व्यादेश के आदेश की एक प्रति मय वाद पत्र व प्राथना पत्र की प्रति, शपत पत्र एवं अन्य समर्थित दस्तावेजो की प्रतिलिपियाँ विपक्षी पक्षकार को रजिस्टर्ड डाक से विरोधी पक्षकार को भेजी जाएगी तथा जिस तारीख को व्यादेश का आदेश दिया गया हैं उसके अगले दिन यह कथन करने वाला शपत पत्र की नियम 3 की पालना में उक्त तमाम उपरोक्त प्रतियाँ विरोधी पक्षकार को देदी या भेज दी गयी हैं | इस आशय का निदेश एकपक्षीय व्यादेश प्राप्त करने वाले पक्षकार को देगा |
इस प्रकार सहिंता का यह एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण उपबंध हैं |

व्यादेश देने के पूर्व न्यायालय इस सम्बन्ध में जो सहिंता में आवश्यक शर्ते दी गयी हैं उसके अध्ययन के लिए यहा CLICK पढ़े |

इस सम्बन्ध में निम्न न्यायिक महत्वपूर्ण निर्णय इस उपबंध को समझने के लिए दिए जा रहे हैं -

(1) जब न्यायालय द्वारा सुनवाई का नोटिस दिए बिना व्यादेश जारी करता हैं तो उसे कारणों का उल्लेख करना आवश्यक होगा |
     AIR 1989 Mad. 139
(2) एकपक्षीय अस्थाई व्यादेश न्यायालय बिना  विवेकाधीन के पारित करता हैं और वादी के अनाधिकृत निर्माण को जारी रखता हैं तो ऐसा आदेश जारी नही रखा जा सकता हैं |
     AIR 1996 Bom. 304
(3) एकपक्षीय अस्थाई व्यादेश का आदेश पारित करते समय न्यायालय को उसके कारणों को अभिलिखित किये जाने के प्रावधान आज्ञापक हैं और उनका उलंगन का अभिवाक न्यायालय उठा सकेगा |


    AIR 2003 Cal. 96
(4) एकपक्षीय अस्थाई व्यादेश का आदेश नियम 3 की पूर्ण पालना होने पर दुर्लभ मामलो में ही जारी किया जा सकता हैं जहा विलम्ब के कारण न्याय विफल होता हो, परन्तु व्यादेश का आदेश में न्यायालय को कारणों का उल्लेख करना आवश्यक होगा |
     AIR 1990 All. 134
(5) एकपक्षीय अस्थाई व्यादेश का आदेश विशिष्ट मामलो में ही दिया जा सकता हैं तथा न्यायालय को विशिष्ट कारणों का उल्लेख आदेश में करना होगा,नियम की व्याख्या की गयी |
     1994(2) DNJ (S.C.) 213
(5) एकपक्षीय अस्थाई व्यादेश का जारी होना तथा विरोधी पक्षकार को जारी होना - निर्णित व्यादेश का आदेश  तथा नोटिस जारी होने के आदेश अपीलीय नही हैं, यह अंतिम आदेश नियम 1, 2 में पारित नही हुआ हैं |  
     AIR 1991 NOC 70(Ori.)
(6) एकपक्षीय अस्थाई व्यादेश का जारी होने पर प्राथना पत्र को 30 दिन के भीतर निर्णित करने के आज्ञापक प्रावधान हैं - 30 दिन के पश्चात भी आदेश का बना रहना अवैध हैं आज्ञापक प्रावधानों का उलंगन हैं |
     AIR 1995 (Mad.) 217
.............................................................................................................................................

नोट :- आपकी सुविधा के लिए इस वेबसाइट का APP-CIVIL LAW- GOOGLE PLAY STORE में अपलोड किया गया हैं जिसकी लिंक निचे दी गयी हैं। आप इसे अपने फ़ोन में डाउनलोड करके ब्लॉग से नई जानकारी के लिए जुड़े रहे। 

                  APP-CIVIL LAW- GOOGLE PLAY STORE




No comments:

Post a Comment

Post Top Ad